क्योंकि मान लीजिये आप मर गए हैं, तो आपका शरीर मरा है, आप नहीं. क्योंकि असली जीवन तो आत्मा है, और आत्मा कभी मरती नहीं है. तो फिर जीवन ख़त्म कैसे हुआ? सारा जीवन में हम दूसरों से जान पहचान बढ़ाने में व्यस्त रहते हैं. खुद को पहचानने के बजाय उन्हें अच्छी https://directoryethics.com/listings13422103/the-best-side-of-bhairav-upay