उत्तरपथ में आप बठी, हाथ सिद्ध वाचा ऋद्धि-सिद्धि । धनधान्य देहि-देहि कुरु-कुरु स्वाहा ।। ऊँ ह्रीं श्रीं चामुण्डा सिंहवाहिनी बीसहस्ती भगवती रत्नमण्डित सोनन की माल । ॐ वज्र मुस्ठी वज्र किवाड़। वज्र बाँधों दश द्वार। People who are personnel or industry experts and looking forward to a marketing which has https://emmat383ezt2.wikijm.com/user