हंस और हंसिनी को भटकते-भटकते रात हो गयी, तो हंस ने हंसिनी से कहा देखो रात भी गई इसलिए हम किसी भी तरह यहाँ आज की रात बिता लेते हैं, फिर सुबह होते ही यहाँ से चले जायेंगे। चिंता का यह कीड़ा उसे लगातार काटे जा रहा था जल्द ही https://miloiwrby.wikiap.com/1186028/a_secret_weapon_for_प_र_रण_क_स_प_ए