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तन्हाई में खोया, अकेला हूँ मैं | Judai Aur Tanhai Ki Dastaan | Sad Ghazal | दर्द भरी ग़ज़ल

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चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है…” दिल पर चोट पड़ी है तब तो आह लबों तक आई है आजकल वो सड़क भी तनहा हो गई, जब से तुम ने वहां से गुज़रना बंद कर दिया। अहमद फ़राज़ टैग : दिल शेयर कीजिए دل کو ڈھانپ لے، یہ راز https://youtu.be/Lug0ffByUck

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