ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥ त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥ माता-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥ स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥ त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥ अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल https://garrettwywwt.wikiannouncing.com/5565775/top_shiv_chalisa_in_hindi_secrets